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सन्निधि संगोष्ठी में आप सभी का स्वागत एवं अभिनन्दन।

Thursday, 18 July 2013

सन्निधि संगोष्ठी (११ अप्रैल २०१३ )

सन्निधि संगोष्ठी अंक : 01
माह : अप्रैल 
दिनाँक : 11 - अप्रैल - 2013


गाँधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्टान के संयुक्त तत्वाधान में मासिक साहित्यिक संगोष्टी के शुभारंभ पर आयोजित समारोह कल सन्निधि सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ .........देश में 24 भाषाओ के साहित्य की सर्वोच्च स्वायत संस्था साहित्य अकादमी के उप सचिव श्री ब्रजेन्द्र त्रिपाठी जी, डॉ गोपेश्वर सिंह जी (अध्यक्ष हिंदी विभाग दिल्ली विश्व विद्यालय ) एवं दिनेश मिश्र जी (मानद अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ ऑथर्स) जैसे वरिष्ट साहित्यकारों ने इसमें शिरकत की ......इसके अलावा इस आयोजन में और भी कई प्रमुख हस्तियाँ थी जिनमे गाँधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा की मंत्री कुसुम शाह जी राष्ट्रिय गाँधी संग्राहलय की पूर्व निदेशक सुश्री वर्षा दास जी, गाँधी समिति और दर्शन समिति की निदेशक सुश्री मणिमाला जी, गाँधी ग्लोबल फोरम के अध्यक्ष श्री बाबूलाल शर्मा जी, गाँधी पीस फाउंडेशन के श्री रमेश शर्मा जी सहित विष्णु प्रभाकर जी की दोनों बेटियां दामाद, बहु और पोत्री भी थी ! साथ ही पायल शर्मा, शिवानन्द द्विवेदी शहर, और गाँधी हिंदुस्तानी सभा के वरिष्ट सहयोगी भी इसमें मौजूद थी, निदान फाउंडेशन की सचिव उर्मि धीर जो मेरी छोटी बहन भी है और सोमा विश्वास ने भी इस आयोजन में अपनी सहभागिता दर्ज कराई !

सबसे पहले कुसुम शाह दी जो गाँधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा की मंत्री भी है उन्होंने गाँधी साहित्य सभा के क्रियाकलापों काका साहिब कालेलकर जी के सपने को लेकर आगे चलने और इस आयोजन में गांधीवादी विचारधारा को लेकर चलने की बात कही !

उसके पश्चात् गोपेश्वर सिंह जी ने अपने वक्तव्य में कहा, भारतीय साहित्य दक्षिणपंथी और वामपंथी अतिरेक से भरा पड़ा है। गांधीवादी या गांधीवाद से प्रभावित उन आदर्शों से प्रेरित लेखकों का संगठन हो, कभी इस ओर नहीं सोचा गया। या मान लिया गया कि गांधीवादी लेखकों के संगठनों की जरूरत नहीं है। हिंदी साहित्य सभा इस दिशा में पहल कर सकती है। जिसमें मैं हर संभव कोशिश करूंगा। इस मंच से नई पीढ़ी को नई दिशा देनी होगी। ऐसा नहीं है कि आर्थिक अनिश्चितता के दौर में महान लेखक पैदा नहीं हो सकते। विष्णु प्रभाकर ऐसे ही महान लेखकों में से एक थे। उन्होंने ये भी कहा की आज का लेखक अपनी कमियों या बुराइयों को सुनने के लिए तैयार नहीं है वो केवल अपनी अच्छाई ही सुनना चाहता है जो बहुत हद तक सही भी है। इस मंच से सभी नवोदित लेखको और कवियों का उन्होंने हौसला बढ़ाया और अपने सीमाओ में साथ देने की बात भी कही !
इसके बाद श्री ब्रजेन्द्र त्रिपाठी जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि युवाओं की संगोष्ठी की बात महत्वपूर्ण है। इस तरह के मंचों के अभाव में युवा पीढ़ी साहित्य से दूर होती जा रही है। प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर बच्चों में भाषा व साहित्य के संस्कार दिए जाने से ही युवाओं में निज भाषा, निज देश के लिए सम्मान पैदा होगा।

श्री दिनेश मिश्र जी ने अपने वक्तव्य में इस मासिक गोष्टी का समर्थन किया और इस आयोजन में अपना निरंतर सहयोग देने का आश्वासन भी दिया !

डॉ ममता धवन जी ने भी अपने वक्तव्य में नए लेखको की मानसिकता और परेशानियों पर प्रकाश डाला !
प्रसून जी जो जनसत्ता के वरिष्ट पत्रकार होने के साथ प्रतिभा के धनी और एक नेकदिल इंसान भी है उन्होंने कार्यक्रम में मंच संचालन के कार्य का बहुत ही सुंदर सहज रूप में निर्वाह किया और मंच से सभी युवा साहित्यकारों एवं कवियों को आमंत्रित किया आगामी आयोजन के लिए ! प्रसून जी और अतुल जी ने इस सपने की नीव रखी देल्ही में सभी युवा साहित्यकारों को एक मंच पर संगठित कर साथ लाने का सपना ! मुझे ख़ुशी है और ये मेरा सौभाग्य भी है कि इस सपने को धरातल रूप में साकार करने में मैं उनके साथ खड़ी हूँ !
अतुल जी जो श्री विष्णु प्रभाकर जी के सुपुत्र है और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री भी है उन्होंने मंच से आयोजन की विस्तृत रूपरेखा रखी सभी के समक्ष ! अतुल जी को पहली बार मैं निदान फाउंडेशन के एक आयोजन में मिली बहुत ही शांत सहज और मृदुल स्वाभाव के धनी, मुझे कल ही पता चला की अतुल जी विष्णु प्रभाकर जी के सुपुत्र है जमीनी स्तर से जुड़े अतुल जी प्रसून जी नन्दनलाल जी और कुसुम शाह दी इस आयोजन के सूत्रधार है जब इतने सारे नेकनीयत लोग एक मंच पर है तो कार्यक्रम की सफलता में कोई संदेह नहीं साथ में आप सभी मित्रो का अपार स्नेह और शुभकामनाये वो सबसे अहम् है ........मेरे एक स्नेह निमंत्रण पर मेरे बहुत से मित्र इस आयोजन में आये और अपनी सहभागिता दर्ज की ........जो मेरे लिए सबसे बड़ी बात रही ....वंदना गुप्ता, निरुपमा सिंह, मृदुला शुक्ला, नीलम मेहंदीरता, सुनीता अग्रवाल, कल्पना बहुगुणा, सरिता भाटिया, पूनम भाटिया, आनंद कुमार द्विवेदी जी, राजीव तनेजा जी, राजेंद्र फरियादी जी, सुशिल जोशी भाई, कामदेव शर्मा जी, राघवेन्द्र अवस्थी जी, संदीप लखीरा, अवनीश डबराल, मुकेश कुमार सिन्हा जी, बलजीत कुमार जी ......सभी मित्रो से मिलना एक सुखद अनुभव रहा बहुत और आप सभी ने मेरे स्नेह निमंत्रण को स्वीकार कर अपने व्यस्त समय में से कुछ पल निकाले उसके लिए शब्द नहीं है मेरे पास .....फेसबुक पर लोग नाम कमाते है लेकिन मैंने कमाया यहाँ पर मित्रो का असीम स्नेह जो मेरी ताक़त है सबसे बड़ी .....इसके अलावा एक और इंसान जो इस आयोजन में आ नहीं पाए लेकिन पृष्ठभूमि में रह जिन्होंने मेरी बहुत मदद की वो है सईद अयूब ....सईद ने मुझे बहुत से मित्रो के टेलीफोन नंबर मुहैया कराये और मैं सभी से सम्बन्ध स्थापित भी कर पाई !.....अलका भारतीय दी हमेशा से मेरी प्रेरणा स्त्रोत और हर कदम पर मेरे साथ रही है इस आयोजन में भी कदम कदम पर उनका सहयोग मुझे मिला जो मेरा सबल भी रहा ........

सबसे अंत में मेरे पतिदेव नरेन् आर्य उनका सबसे बड़ा योगदान रहा जो मैं इस आयोजन में पूरी निष्ठा के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाई मित्रो की सूचि तैयार करने से लेकर मेरे साथ आयोजन का हिस्सा बनने सभी आने मित्रो को रास्ता बताने का काम उनके जिम्मे रहा किसी ने सच कहा है जीवन साथ के सहयोग के बिना आप आगे नहीं बढ़ सकते तो नरेन् का साथ प्रेम और सहयोग मुझे बल देता है हर पल और मेरा मार्ग भी प्रशस्त करता है .... इस आयोजन की संचालन समिति की सदस्य होने के नाते मैं आप सभी मित्रो को आभार प्रकट करती हूँ और साथ में विनम्र निवेदन के साथ आगामी आयोजन में निमंत्रित भी करती हूँ आप सभी की सहभागिता पर ही आगामी आयोजन की सफलता निर्भर करती है ! आप सभी के सुझावों का भी स्वागत करती है संचालन समिति ............शुभं
 

12 comments:

  1. सन्निधि संगोष्ठी का प्रथम आयोजन सफल रहा इस हेतु सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. आयोजन की विस्तृत रिपोर्ट बहुत ही सहजता एवं सुन्दरता से तैयार की गई है, आपका परिश्रम सराहनीय है एवं आप बधाई की पात्र है दीदी. मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें.

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  2. अरुण नमस्कार आप सभी अपनों का साथ ही मेरा सबल है अब देखो तुमने कितना सुंदर ब्लॉग तैयार किया है, मन खुश कर दिया भाई तुमने खुश रहो हमेशा ...........

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  3. बहुत सुन्दर ब्लॉग अरुन भाई बहुत बहुत बधाई

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  4. बहुत-बहुत शुभकामनाएँ अरुण जी!

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    1. bahut achcha.....peshkash laajabab hai.....

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  5. शुद्ध साहित्यिक
    राजनीति से परे
    कोऊ नृप होय..हमहि का हानि की तर्ज का
    प्रथम ब्लाग फॉलो किया मैंनें
    शुभ कामनाएँ

    सादर

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  6. संगोष्ठि के सफल आयोजन के लिये बहुत-बहुत बधाई एवँ हार्दिक शुभकामनायें किरण जी ! आभार !

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  7. सन्निधि संगोष्ठी आयोजन व बेहतरीन रिपोर्ट के लिए हार्दिक बधाई किरणजी
    सादर
    आभार

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  8. हार्दिक शुभकामनाएं दी

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  9. आप सभी पाठकों को हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} परिवार की ओर से सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आप सभी को चर्चाकार के रूप में शामिल किया जाता है। आप techeduhub@gmail.com पर अपनी Email ID भेजकर इसके सदस्य बन सकते हैं। प्रत्येक चर्चाकार का हृद्य से स्वागत है। सादर...ललित चाहार

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